अश्वगंधा क्या है, जाने अश्वगंधा के अनेको फायदे और नुकसान, पुरुषों को लिंग से सम्बंधित मिलता है खाश फायदा
अश्वगंधा क्या है?
अश्वगंधा आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में उपयोग की जाने वाली एक लोकप्रिय जड़ी बूटी है। यह एक प्रकार की छोटी झाड़ी होती है जिसको पीसकर पाउडर बनाया जाता है। यह अलग-अलग रोगों के लिए और ज़्यादातर नसों पर आरामदायक प्रभाव डालने वाली उपयोगी जड़ी बूटी है। अश्वगंधा अपने रसायन गुण के लिए जाना जाता है। रसायन एक हर्बल या मैटेलिक फ़ॉर्मूलेशन है जो एक ताज़गी भरे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ खुशी का अहसास भी दिलाता है। अश्वगंधा की खेती दक्षिण एशिया, अफ्रीका और मध्य एशिया के खुश्क इलाकों में की जाती है।
अश्वगंधा से क्या क्या नुकसान हो सकते हैं?
जहा अश्वगंधा के अनेको लाभ है वही अश्वगंधा के कुछ नुकसान भी होते है अश्वगंधा की तासीर गर्म होती है। इसलिए अश्वगंधा को अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने से गैस, उलटी, अफरा, दस्त, पेट में तेजाब बनना, ज्यादा नींद आना जैसी अनेक समस्या पैदा हो सकती है।
अश्वगंधा कब नहीं खाना चाहिए?
यदि आपको कब्ज़ है या फिर पेट से सम्बंधित काेई भी परेशानी है, तब आपको अश्वगंधा लेना बंद कर देना चाहिए। अगर ऐसा नहीं करेंगे तब उल्टी, डायरिया होने के चांस बढ़ जाते है। इसके बावजूद भी आप अश्वगंधा का सेवन लेना चाहते हैं तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
अश्वगंधा खाने से लिंग पर क्या असर होता है?
अश्वगंधा से पुरुषों को लिंग से सम्बंधित खास फायदा मिल सकता है। अनेको शोध से पता चलता है कि अश्वगंधा स्तंभन दोष पर पॉजिटिव असर डाल सकता है। यह जननांग क्षेत्र में ब्लड फ्लो को अच्छा बनाने में बहुत मदद करता है, जिससे स्तंभन और अधिक बेहतर काम करने लगते है। इसके अलावा ये स्पर्म क्वालिटी को बेहतर बनाने में भी बहुत अधिक मददकार साबित होता है।
अश्वगंधा से कौन कौन सी बीमारी दूर होती है?
अश्वगंधा का सेवन ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में काफी मदद करता है। कई अध्ययनों में इस बात को साबित किया जा चुका है की इसमें ऐंटी-ऑक्सिडेंट्स और ऐंटी-बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में बहुत अधिक मदद करती हैं।
1- अश्वगंधा कैंसर की रोकथाम में भी काफी मदद करता है। कई अध्यनों में यह दावा किया जा चुका है कि अश्वगंधा कैंसर सेल्स की ग्रोथ और प्रॉडक्शन पर लगाम लगाता है।
2- जिन महिलाओं में सफेद पानी जाने की समस्या होती है, उसमें भी अश्वगंधा को कही ज्यादा कारगर माना गया है। इसके अलावा यह महिलाओं और पुरुषों दोनों में फर्टिलिटी को बढ़ावा देने में मदद करता है। साथ ही यह स्पर्म क्वॉलिटी को सुधारने में भी मदद करता है।
3- अश्वगंधा को हाइपरटेंशन में भी लाभकारी माना गया है। इसके लिए अश्वगंधा का नियमित सेवन करना चाहिए। लेकिन जिन लोगों का ब्लड प्रेशर कम रहता है, उन्हें अश्वगंधा का सेवन नहीं करना चाहिए।
4- जिन्हें गहरी नींद नहीं आती उन्हें अश्वगंधा का खीर पाक खाना चाहिए। अश्वगंधा स्वाभाविक नींद लाने की दवा की तरह काम करता है। इसके अलावा पेट से जुड़ी परेशानियों को भी दूर करने में मदद करता है। इसके लिए अश्वगंधा, मिश्री और थोड़ी सोंठ को बराबर अनुपात में मिलाकर गर्म पानी के साथ लें।
अश्वगंधा 1 दिन में कितना खाना चाहिए?
आयुर्वेद के अनुसार एक दिन में प्रातः खाली पेट 1 से 2 चम्मच का सेवन करना चाहिए। अश्वगंधा को 21 दिनों से 3 महीने तक आवश्यकतानुसार अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है जरूरत से ज्यादा अश्वगंधा का सेवन से उल्टी आना, पेट खराब होना, डायरिया, अल्सर, एसिडिटी, स्किन रैशेज और एंक्जायटी का खतरा हो सकता है. अपने चिकित्सक से अपने लिए सेवन की उचित मात्रा की जानकारी ले लेनी चाहिए।